मुझे जहाँ तक याद है, जब भी स्कूलों या संस्थाओं में बच्चों की फैन्सी ड्रेस करवाई जाती थी तो उनकी थीम महापुरुष, देश भक्त, क्रांतिकारी, देवी-देवता, समाज सुधारक, पर्यावरण, या वैज्ञानिक आदि हुआ करते थे और उन्हीं के द्वारा कही गई कुछ विशेष बातों को परिचय रूप में बच्चों को रटवा कर स्टेज में बुलवाया जाता था ।उन बच्चों पर और सामने बैठे दर्शकों पर भी उसका प्रभाव बखूबी पड़ता था ।इसी तरह बच्चों में अच्छे संस्कार, नैतिकता, अनुशासन, कर्मठता, आदर भाव, विनम्रता का समावेश उन्हें एक सच्चा और अच्छा नागरिक बनने में सहायक सिद्ध होता था ।
आज हम बच्चों को नैतिकता, संस्कार और अनुशासन सिखाने के लिए परेशान हो रहे हैं लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि हम बचपन से ही बच्चों के सामने क्या परोस रहे हैं ।मीडिया की कमर्शियल क्रांति में भी हमने बच्चों को झोंक दिया है ।आए दिन लिटिल चैम,फैशन शो, ऐक्टिंग का कीड़ा और न जाने कौन कौन से बीज हम बच्चों में बो रहे हैं ।बच्चों में टेलैन्ट की कमी नहीं है ।उनमें तो तीव्र गति से किसी भी बात को आत्मसात करने का हुनर पैदाइशी होता है,लेकिन हम बड़े लोग आधुनिकता के भ्रमजाल में ऐसे फँस गए हैं कि हमें बच्चों से भी कच्ची उम्र में पैसे कमाने की भूख पैदा हो गई है ।महीने महीने बच्चों को स्कूल से विमुख कर हम उन्हें इन कार्यक्रमों में धकेल रहे हैं ।अभी-अभी एक समाचार पत्र में बच्चों की फैशन कैटवॉक की तस्वीरें देखी और पढ़ा, किसी डिजाइनर ने आठ से बारह साल के बच्चों को वेडिंग ड्रेस में सजाकर रैप पर उतारा।विचारणीय ये है कि इस उम्र के बच्चों के विवाह को हम बाल विवाह का अपराध मानते हुए भी उन्हें अभी से ऐसे परिधान पहना कर उनमें वयस्कता स्थापित कर रहे हैं ।स्टेज शो में भी फिल्मीपन नजर आता है ।
मुझे याद है, एक बार सा रे गा मा कार्यक्रम में स्वर कोकिला आदरणीया लता मंगेशकर ने बच्चों को रोमेन्टिक गाने प्रस्तुत करते सुना तो ये प्रतिक्रिया दी कि बच्चे बहुत सुरीले हैं लेकिन निर्णायक मंडल बच्चों के लिए उनकी उम्र के आधार पर ही गानों का चयन करें ।बच्चों के हुनर को उजागर अवश्य करें लेकिन अभिभावक तथा व्यवस्थापक कैटेगरी का अवश्य ध्यान रखें ताकि बच्चे भी बेझिझक प्रदर्शन कर सकें ।
श्रीमती सुशीला शर्मा
64-65 विवेक विहार
न्यू सांगानेर रोड, सोडाला
जयपुर - 302019
मो.- 9215056681
ISSN : 2349-7521, IMPACT FACTOR - 8.0, DOI 10.5281/zenodo.14599030 (Peer Reviewed, Refereed, Indexed, Multidisciplinary, Bilingual, High Impact Factor, ISSN, RNI, MSME), Email - aksharwartajournal@gmail.com, Whatsapp/calling: +91 8989547427, Editor - Dr. Mohan Bairagi, Chief Editor - Dr. Shailendrakumar Sharma
Tuesday, January 7, 2020
बच्चों को सही दिशा दें
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