वर्धा,29 दिसंबर 2019/ हिंदी स्वाभिमानए स्वावलंबन और स्वत्व के पहचान की भाषा है। हिंदी भाषा भारत के 99 प्रतिशत से अधिक आबादी की जरूरत है। इस देश के समाज और अंतिम आदमी तक इस भाषा की पहुंच अनिवार्य है। हम हिंदी हैंए हिंदवी चेतना के हैं और इसलिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय पर हिंदी को वैश्विक पटल पर विराजित करने की अहम जिम्मेदारी है और हम समवेत रूप से इसके निर्वहन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उक्त विचार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोण् रजनीश कुमार शुक्ल ने विश्वविद्यालय के 23वें स्थापना दिवस व्याख्यान में मुख्य वक्ता और कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। गालिब सभागार में रविवारए 29 दिसंबर को आयोजित समारोह में मंच पर प्रतिकुलपति द्वय प्रोण्चंद्रकांत रागीटए प्रोण् हनुमानप्रसाद शुक्लए शिक्षा और प्रबंधन विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रोण् मनोज कुमारए मानविकी और सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रोण् कृपाशंकर चौबेए संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रोण्नृपेंद्र प्रसाद मोदीए कार्यकारी कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान उपस्थित थे। विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह विश्वविद्यालय ध्वजारोहण के साथ प्रातरू 9 बजे से प्रारंभ हुआ। इसके बाद मुख्य समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रोण् शुक्ल ने की। प्रारंभ में उन्होंने प्रस्ताविकी में अपने विचार रखे और अध्यक्षीय वक्तव्य उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास क्रम पर बात की। उन्होंने वर्धा और धाम नदियों का उल्लेख करते हुए अपने संबोधन में कहा कि इन नदियों के तट पर जो भारत है उनके उन्नयन की जिम्मेदारी हमारी है। विश्वविद्यालय का अर्थ ही ज्ञान का विस्तार करना है और इस दिशा में हम भारतीय भाषाओं को साथ लेकर एक ज्ञान केंद्रित संस्था के रूप में विश्वविद्यालय को विकसित करना चाहते हैं। आसपास के समाज के साथ संपर्क कर हमने दस गांवों को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने का महत्वाकांक्षी अभियान उन्नत भारत अभियान के माध्यम से प्रारंभ किया है। इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने गांधी के 150 वें जयंती वर्ष और विनोबा के जयंती के 125वें वर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि आगामी वर्ष में हम भारत की आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण करने जा रहे हैं। इस उपलक्ष्य में हमने हिंदी को आगे ले जाने का अभियान प्रारंभ कर दिया है और हमें विश्वास है कि हिंदी सेवियों ने जो सपना देखा था उसको हम पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि बहुलताए सहिष्णुता और संस्कृति का आधार बचा रहेए इसकी जिम्मेदारी हम निभा सकते हैं। 22 वर्ष की यात्रा में अनेक उतर.चढ़ाव आए परंतु सभी के समवेत रूप से काम करते हुए इस विश्वविद्यालय की रचना की और आकार दिया है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में तो हम आगे हैं परंतु उपकरणों की निर्मिति में हम पीछे हैं। इसकी पूर्ति करने के लिए एक नए विद्यापीठ का सृजन किया जा रहा है। गांधी की दृष्टि को ध्यान में रखकर मनुष्य पर मशीन हावी न हो इसका ध्यान भी हमें रखना है। इस अवसर कुलपति प्रोण् शुक्ल ने सभी को समवेत विकास में योगदान देने का आह्वान किया।कुलपति प्रोण् शुक्ल ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोण् कमलेशदत्त त्रिपाठी का शुभकामना संदेश पढकर सुनाया। अपने संदेश में प्रोण् त्रिपाठी ने कहा कि ष्इस महान विश्वविद्यालय की सर्वतोमुखी समृद्धिए स्थापना के मूल में निहित उद्देश्यों की पूर्ति तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर और भी देदीप्यमान उपस्थिति के लिये सर्वशक्तिमान परमेश्वर से मेरी समवेत प्रार्थना है। आज के समकालीन संदर्भ में हमारी राष्ट्रीयता को महात्मा गांधीए हिंदी और अंतरराष्ट्रीय ये तीन शब्द परिभाषित करते हैं। यह विश्वविद्यालय महात्मा जी का पवित्र और जीवनी.शक्ति से स्पंदित स्मारक है। छात्र.छात्राएं सहित समस्त विश्वविद्यालय परिवार इसे स्मरण रखेए यह मेरी प्रार्थना है।कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विद्यापीठ की सहायक प्रोफेसर शिल्पी कुमारी ने किया तथा आभार ज्ञापन कार्यकारी कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान ने किया। इस अवसर पर प्रोण् हनुमानप्रसाद शुक्लए प्रोण् मनोज कुमारएप्रोण् कृपाशंकर चौबे ने अपने अपने विद्यापीठ की कार्ययोजनाओं और भविष्य की योजनाओं की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर जनसंचार विभाग की ओर से प्रकाशित मीडिया समय के स्थापना दिवस विशेषांक का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों की ओर से किया गया। कार्यक्रम में अध्यापकए अधिकारीए शोधार्थीए विद्यार्थीए कर्मचारी और वर्धा शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
(Peer Reviewed, Refereed, Indexed, Multidisciplinary, Bilingual, High Impact Factor, ISSN, RNI, MSME), Email - aksharwartajournal@gmail.com, Whatsapp/calling: +91 8989547427, Editor - Dr. Mohan Bairagi, Chief Editor - Dr. Shailendrakumar Sharma IMPACT FACTOR - 8.0
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