Impact Factor - 7.125

Wednesday, January 8, 2020

यात्रा वृतांत -कैलाश मान सरोवर की

यात्रा वृतांत -कैलाश मान सरोवर की

~~~~~~~~~~~~~~~~~

 

रोमांचकारी कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य २०१७ में मिला|मैं और मेरे पति दोनों काफ़ी उत्साहित थे;मैं थोड़ी डरी हुई थी |हाई एलटिच्युड में कैसे संभालुंगी अपने आपको|८जून से यात्रा आरंभ हुई राँची से लखनऊ ,लखनऊ में रात्रि पड़ाव के पश्चात बस से लगभग ४ घंटे का सफ़र गाते बजाते ३० लोगों का हमारा ग्रुप नेपालगंज के होटल में दो दिन रुका|एक दिन अतिरिक्त रुकना पड़ा क्योंकि आगे की यात्रा छोटे हवाई जहाज़ से सिमीकोट जाना था लेकिन मौसम ख़राब होने के कारण उड़ान नही भर पा रहा था तीसरे दिन मौसम साफ़ हुआ|ग्रुप ख़ुशी से झुम उठा|हम सब एक घंटे के सफ़र से सिमीकोट पहुँच गए जो नेपाल में ही पहाड़ों के बीच एक हेलिपैड है|यहां से पाँच पाँच के ग्रुप में हम सभी हेलिकॉप्टर से हिलसा पहुँच गए|हिलसा नेपाल का बॉर्डर है यहाँ से एक पतले जर्जर छोटे लोहे के पुल पैदल पार कर चीन बार्डर पहुँचे |यहाँ से बस से हमसब “पुरांग “चीन का एक छोटा सा शहर पहुंच गए|

रात्रि विश्राम करके दूसरे दिन डॉ की जाँच प्रक्रिया से गुज़रना पड़ा क्योंकि काफी ऊँचाई के कारण आक्सीजन की कमी साफ़ महसूस हो रही थी|खाना तो अच्छा मिल रहा था पर खाया नही जा रहा था |हमसब, बस से लगभग तीन घंटे के सफ़र कर बीच में सुंदर नीले रंग का रावण ताल देखते हुए मानसरोवर पहुँच गए |मानसरोवर में व्यवस्था कामचलाऊ था |शौच के लिए टेंट में व्यवस्था की गई थी |एक एक कमरें में सात -आठ लोगों को ठहराया गया था रज़ाई खाने -पीने की व्यवस्था भी थी लेकिन ठंड और आक्सीजन की कमी के वजह से कई यात्री बिमार पड़ गए उन्हें वापस पुरांग जाना पड़ा |

अगले दिन हम सब बस से मानसरोवर झील पहुँच गए |रास्ते में ही हमें दूर से साक्षात कैलाश पर्वत का दर्शन होने लगा था |शिव नगरी पहुँच कर हम सब बेहद ख़ुश और उत्साहित थे|मानसरोवर के ठंडे जल में स्नान ,दान ध्यान लगा कर हम धन्य हो गए|सारी थकान काफ़ूर हो गयी |

मानसरोवर से हम दारचेन पहुँचे गए|यहां हमें रात्रि विश्राम करना था|अगले दिन जिन्हें पवित्र कैलाश पर्वत की परिक्रमा करना था वो आगे बढ़े बाक़ी लोग वही रुक कर साथियों के लौटने का इंतज़ार किए|मेरे पति पहले दिन की परिक्रमा करने उपर गए |रात में उपर बाबा नगरी में रुक कर कैलाश पर्वत को काफी नज़दीक से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ|सूर्य की प्रथम किरण हिम पर्वत पर जैसे ही पड़ी मानो कैलाश पर्वत सुनहरा हो गया ;जिसे मेरे पति ने अपने कैमरे में क़ैद कर लिया था |ठंड,मौसम ख़राब और रास्ता कठिन होने के कारण दुसरे ,तीसरे दिन की परिक्रमा बीच में रोक सभी दारचेन आ गए|

हम सभी कैलाश मानसरोवर की दुरूह ,दुर्गम यात्रा पूरी कर वापस उसी रास्ते से जैसे आए थे वैसे ही दस दिन की सफल यात्रा पुरी कर देवों के देव महादेव के दर्शन कर अभिभूत हुए|

 

 

                        -संस्मरण

                      Ph-8789538145

                       Ranchi-Jharkhand 

No comments:

Post a Comment

Aksharwarta's PDF

Aksharwarta International Research Journal, January - 2025 Issue