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Sunday, March 8, 2020

नारी रुप अनूप

नारी रुप अनूप

 

मातृशक्ति के अनेक रुप

कार्यशैली  इसकी अनूप ।

घर- आंगन की स्वच्छता 

और सेवा का  गुण खूब ।।

 

माँ,बहन,बेटी,पत्नी रुप

दोनों कर है दस अनुरुप ।

पढने -लिखने में है आगे

मुकाम पाकर होय खुश ।।

 

समझें खुद  को  अनुज

कुल को दें छांव सहे धूप ।

ममता,समता का सागर

पूजे बेटी पग,धन्य मनुज ।।

 

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बेटियां

 

 

पढ़-लिखकर आगे बढ़ रही बेटियां

नई  इबारत  लिख  रही है  बेटियां ।

खेत में उगा रही है अन्न - सब्जियां

चला रही है खेत में  ट्रेक्टर बेटियां ।।

 

अंतरिक्ष में मिसाल बनी है बेटियां

हर क्षेत्र में कमाल कर रही बेटियां ।

हौंसला लिए विशाल जागी बेटियां

बनकर लाल आगे निकली बेटियां ।।

          

                 गोपाल कौशल

         नागदा जिला धार मध्यप्रदेश


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