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Saturday, April 18, 2020

जीवन का सार (डिप्रेशन , निराशा , अवसाद से उबरने का महामंत्र )

 हर समस्या का हल है बशर्ते आप ईमानदार हो 

तुम्हारे करने से कुछ नहीं होनें वाला तुम होते कौन हो कुछ करनें वाले 

जो भी करता है ईश्वर ही करता है और ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है 

 

हाँ ये बात हो सकती है उस वक़्त तुम्हे समझ में ना आये जिस वक़्त आपका बुरा समय चल रहा हो .स्थिति सामान्य होते ही यह बात आपको अच्छी तरह समझ में आ जाती है 

कि ईश्वर जो भी करता है अच्छा ही करता है .हर हाल में ईश्वर पर विश्वास रखना चाहिए 

जब सब रास्ते बन्द हो जाएँ और समस्या का कोई हल ना सूझ रहा हो अक़्ल काम ना कर रही हो तब सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए 

और इसे अपनें कर्मों का फल समझ कर सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और उसके लिए ईश्वर से क्षमा माँगनी चाहिऐ और उस का प्रायश्चित करना चाहिए 

 

जिस स्थिति. परिस्थिति .अथवा व्यक्ति को आप बदल नहीं सकते उसे उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए 

दूरस्थ और संदिग्ध कार्यों को छोड़ कर सन्निकट और निश्चित कार्यों को ही हाथ में लेना ही हमारा मुख्य ध्येय होँना चाहिए 

 

विगत और आगत का भार ढोकर चलने  वाला प्रचंड पराक्रमी भी लड़खड़ा जाता है 

 

हे प्रभु केवल आज का भोजन जुटा दे कल की  चिन्ता छोड़ दो कल अपनी सुध आप लेगा 

आज की कठनाइयाँ ही क्या आज के लिए कम हैं 

कल पर विचार अवश्य कीजिए , उस पर मनन कीजिए योजनाएँ बनाइये तैयारियाँ कीजिए किन्तु उसके लिए चिन्तित मत होईये 

भूत सपना है और भविष्य कल्पना सुखद वर्तमान से ही भूत के  सुखद भविष्य की सृष्टि  होती है और आनें वाला कल आशा मय बन  जाता है

 

यदि हम हर वक़्त मीठा मीठा ही खाएँगे तो कड़वा कौन खायेगा अतः हमें कड़वा खानें के लिए भी तैयार रहना चाहिऐ 

यदि आप हर वक़्त अपनी ही बात मनवायेगे तो लोग आपसे सलाह लेंना बन्द कर देंगे 

बीती हुई बातों को याद करके दुःखी होकर वर्तमान को कटु ना बनाएँ 

अपनें आप से पूछिए संभावित अनिष्ट क्या हो सकता है,  यदि अन्य कोई उपाय ना हो तो उसे स्वीकार कीजिए , 

डरें नहीं भय से चिन्ता होती है और चिन्ता आपको हताश और निराश बना देती है .

जो व्यवसाई चिन्ताओं से लड़ना नहीं जानते उन्हे अकाल मृत्यु का ग्रास बनाना पड़ता है   आज की परिधि में रहिए भविष्य की चिन्ता छोड़िए रोज नई जिन्दगी का श्रीगणेश कीजिए .

चिन्ता के कारण जो भारी मूल्य आपको चुकाना पड़ेगा जरा उसका ख़याल कीजिए चिन्ता का कारण क्या है , क्या उपाय हो सकता है मैं क्या कर सकता हूँ .प्रयास कब शुरू करूँगा समस्या क्या है समस्या का हेतु क्या है संभावित समाधान क्या है .

चिन्ता आपको मिटा दे उससे पहले आप उसे कैसे ख़त्म किया जाये ये सोचो 

हथेली पे सरसों उगाने की कोशिश ना करें व्यस्त रहकर चिंताओं के जमघट को दूर हटाइये  घुल घुल कर मरने वालों के लिए ये सर्वोत्तम औषधि है तुच्छ बातों पर सिर मत धुनिये ये बातें जीवन की दीमक हैं होंनी को स्वीकार कीजिए जिसे आप बदल नहीं सकते कहिए ठीक है अपनी चिंताओं को सीमित कीजिए उनका मूल्य निश्चित कीजिए अधिक मूल्य मत चुकाईये .

बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध ले 

मस्तिष्क भी अपनी जगह एक ही है यह अपनें में ही स्वर्ग को नर्क और नर्क को स्वर्ग बना सकता है .

आप स्वयं ही अपनें लिए शान्ति प्राप्त कर सकते हैं सुख अपनें अन्दर ही है वर्तमान में ढलने का प्रयास कीजिए .

अपने शरीर की हिफाज़त कीजिए 

इसका निरादर मत कीजिए इसका दुरुपयोग मत कीजिए ताकि यह स्वस्थ बना रह कर तुम्हारी उन्नति में सहायक हो अपना स्वभाव अच्छा रखिए सुंदर दिखने का प्रयास कीजिए दूसरों की प्रशंसा कीजिए. धीरे बोलिए. विनम्र रहिए किसी में दोष मत निकालिए .किसी को नियमित करने का प्रयास मत कीजिए .वर्तमान की समस्यायों को सुधारने का प्रयास कीजिए .जो काम जीवन भर करना है उसे ख़ुश होकर कीजिए .

आराम कीजिए परमात्मा का सुमरन कीजिए उसका ध्यान कीजिए ताकि जीवन के विषय में अन्तर्दृष्टि प्राप्त कर सको आनद पूर्ण ढंग से सोचिए तथा व्यवहार कीजिए आप आनन्द का अनुभव करेंगे जैसे के साथ तैसा करके हाँनि मत उठाइये .शत्रु को झोंकने के लिए भाड़ को इतना ज्य़ादा तेज मत करो कि तुम स्वयं  जल जाओ .यदि हम चाहें तो हमें कोई दुःखी नहीं कर सकता ना नीचा दिखा सकता है जो व्यक्ति  आपको पसन्द नहीं उसके बारे में सोच विचार  कर एक भी पल नष्ट ना करें कृतघ्नता के बारे में चिन्ता ना कर हमें उसे स्वीकार कर लेंना चाहिए ईसा नें एक बार सौ व्यक्तियों को ठीक किया था उनमें से केवल एक धन्यवाद देनें आया था जितनी कृत्यग्यता ईसा  को मिली थी  इससे ज्य़ादा की आशा ना करें

तुम इसलिए दुःखी क्यों होते हो कि तुम्हारे पास जूते नहीं हैं वे भी तो लोग हैं जिनके पास पाँव ही नहीं हैं जब तक आपके पास पीनें  के लिए स्वच्छ पानी  खानें के लिए भोजन है आपको अन्य किसी बात की शिक़ायत नहीं होनीं  चाहिए .अपनें वरदानों को याद रखिए कठनाइयों  को भुला दीजिए .दूसरों की नक़ल ना कीजिए अपनें को पहचानिए और जो आप हैं वही बने रहिए जीवन की खटास को मिठास में बदल दो .दो क़ैदी एक साथ जेल से बाहर आये एक नें सर ऊपर कर के तारे देखे दूसरे नें सर नीचे कर के कीचड़ देखी .एक बार सुप्रसिद्ध वायलिन वादक आलेबुल पेरिस में अपना कार्यकम दे रहे थे यकायक वायलिन का एक तार टूट गया किन्तु आलेबुल नें तीन तारों पर ही अपनी धुन को सफ़लता पूर्वक पूरा किया .विशेषता इसी में है कि यदि एक तार टूट जाए तो तीन तारों पर ही अपना काम चला लिया जाए इसी में जीवन की सफ़लता है 

उन उड़ते हुए पच्छीयों को देखो वे अपना अनाज बोते नहीं हैं फ़सल नहीं काटते भण्डार नहीं करते फ़िर भी परमपिता परमात्मा उनका पोषण करता है फ़िर तुम तो उनसे अच्छी स्थिति में हो पहले उस अध्यात्म एवं सत्य की साधना करो अन्य सभी वस्तुएँ तुम्हे  स्वतः  मिल जाएंगी .अपनी आलोचना की भरसक उपेक्षा करनें का प्रयास करो अनुचित आलोचना परोक्ष रूप से हमारी प्रशंसा ही होती है प्रायः उसका अर्थ ये ही होता है कि आपनें दूसरों में स्पर्धा एवं ईर्ष्या को भड़काया है याद रखिए मरे हुऐ कुत्ते को कोई लात नहीं मारता .आराम कीजिए ताकि आप अधिक काम कर सकें अपनें कार्य का क्रम उसके महत्व के अनुरूप निर्धारित कीजिए यदि आप सो ना सकें तो उठ कर बैठ जाइये जब तक नींद ना आये पढ़ते रहिए या कोई काम करते रहिए .याद रखिए नींद की कमी से आज तक कोई नहीं मरा 

प्रायः अनिद्रा से भी अधिक हानि अनिद्रा की चिन्ता से होती है प्रार्थना कीजिए .यदि आपके पास समस्या पर निर्णय लेनें के लिए आवश्कत तथ्य हों तो उसे वहीं उसी समय उसी क्षण कीजिए अपने काम का वितरण कीजिए उसे व्यवस्थित कीजिए देखरेख कीजिए कभी जुआ मत खेलिए नियमित आय का स्रोत बनाए रखिए हींन भावना मत पालिए जिसनें हमें  इस दुनियाँ में भेजा है वो मेरे साथ है उस परमेश्वर नें मुझे अकेला नहीं छोड़ा है .

समस्याओं को ठीक से  समझ लो समस्या का कारण ज्ञात करो समस्या सुलझाने के लिए शीघ्र ही कोई सक्रिय क़दम उठाओ उठ कर परिस्थियों का मुकाबला करो जितना समय और शक्ति तुम समस्या की चिन्ता करनें में करते हो यदि उसका आधा भी तुम उसे सुलझाने में लगाओ तो तुम्हे चिन्ता कभी हो ही नहीं चिन्ता करनें की आदत मत डालो .

अपने को व्यस्त रखिए अपनें सुख दुःख की चिन्ता करना ही तुम्हारे दुःख का कारण है .

और हाँ जीवन में कोई भी चीज मुफ़्त नहीं मिलती बन्द घड़ी भी दिन में दो बार ठीक समय बताती है इसलिए कुछ भी बेकार नहीं होता हर चीज का सदुपयोग किया जा सकता है किसी भी ऐसे काम की शुरुआत ना  करें जिसे आप ख़त्म ना कर सकते हों 

यदि आप नहीं जानते कि बोलना कैसे है तो बेहतर है कि आप चुप रहें 

 

खाली बोरी कभी भी सीधी खड़ी नहीं हो सकती 

जो झिझकते हैं वे हारते हैं 

 

कनेक्शन ना होनें पर अधिकतर तार बेजान हो जाते हैं 

 

किसी के पीछे मत चलिए लेकिन सीखिए सबसे 

जब दूसरों को बदलना सम्भव ना हो तो ख़ुद को बदलिए 

 

किसी पर अंधविश्वास मत करो जब हम अंधविश्वास करते हैं तभी धोखा खाते हैं जब तक कोई ईमानदार सिद्ध ना हो जाए तब तक उसे संदेह के घेरे में ही रखे यदि वह जब तक बेईमान ना सिद्ध हो जाए तो उसे ईमानदार समझोगे तो निश्चित धोखा खाओगे  ये तुम्हारी योग्यता की कसौटी है 

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