कविता:-
*"इश़्क की इबादत"*
"इश़्क की इबादत से ही साथी,
चलता है-
यह संसार।
इश़्क हो साथी साथी से,
मिलती सुशियाँ-
जीवन में आपार।
इश़्क की इबादत हो प्रभु संग,
मिटते जीवन के विकार-
सपने होते साकार।
प्रकृति से हो इश़्क तो साथी,
लगाये वृक्ष -
मिलेगा जीवन को आधार।
इश़्क की इबादत से ही साथी,
चलता है-
यह संसार।।"
कविता:-
*" बजरंगबली"*
" राम भक्त हनुमान ही,
कहलाते जग में-
बजरंगबली।
अमर हैं जग में राम कृपा से,
सबके कष्ट हरते-
महावीर बजरंगबली।
महिमा उनकी अपार जग मे,
जो जन जाने-माने-
करते बेढ़ापार बजरंगबली।
संकटहरण मंगल मूरत रूप हैं,
जो शरण गया उनके-
नैया पार लगाते बजरंगबली।
हरे पीड़ा तन मन की,
राम भक्त हनुमान-
कहलाते वही बजरंगबली।
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता,
हरते जीवन का दु:ख-
बजरंगबली।
राम भक्त हनुमान ही,
कहलाते जग में-
बजरंगबली।।"
कविता:-
*"जीवन जग में"*
"गम की बदली छाई ऐसी,
घिर आया अंधकार मन में।
आशाओं का सूरज चमके,
तरस गया ये जीवन जग में।।
धैर्य से ही इस जीवन में फिर,
दे जाता है-साहास मन में।
हर सके गम अपनों के यहाँ,
ऐसी शक्ति मिले फिर जग में।।
ढूँढ़ते-ढूँढ़ते हम जग में,
खोया मेरा मैं जीवन में।
मिली जो छाया नेह की फिर,
भूला मैं-मैं जीवन जग में।।"
कविता:-
*"मन की बातें"*
"सोचते-सोचते साथी,
मन की बातें-
बीत गई कितनी रातें?
मिलना-मिलकर बिछुड़ना,
जीवन में-
दे गया कई सौगातें।
अपनत्व की धरती पर,
रह गई -
कही-अनकही बातें।
ठहर कर कुछ पल साथी,
होती जो उनसे-
कुछ मीठी बातें।
मिटती कटुता जीवन से,
छाता मधुमास-
पूनम की होती रातें।
सोचते-सोचते साथी,
मन की बातें-
बीत गई कितनी रातें ?"
कविता:-
*" मोक्ष का सागर"*
"प्रभु भक्ति संग मानव जग में,
फिर मिला जीवन आधार।
प्रभु भक्ति संग ही जीवन में,
यहाँ हुए सपने साकार।।
भक्ति की शक्ति से ही जग में,
प्रभु लेते यहाँ अवतार।
पर पीड़ा की अनुभूति संग,
हरते जीवन के विकार।।
सत्य पथ पर ही चल जग में,
फिर मिलता सुख का गागर।
सागर मंथन से ही जग में,
मिलता मोक्ष का सागर।।"
कविता:-
*"सुख का साथ"*
"समुंद्र मंथन होता मन में,
कुछ भी जग में न लगता हाथ।
विचारो की अनुभूति में फिर,
क्या-रह पाता उनके साथ?
छोड़े न स्वार्थ यहाँ जग में,
कहाँ -फिर बन पाती ये बात?
अनचाहे संबंध संग वो,
कब-तक निभाए साथ?
जीवन ऐसी पहेली यहाँ,
कौन- सुलझा पायेगा पार्थ?
मिलकर चले दो कदम जग में,
हर पल होगा सुख का साथ।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता
S/0श्री बी.आर.गुप्ता
3/1355-सी,न्यू भगत सिंह कालोनी,
बाजोरिया मार्ग, सहारनपुर-247001(उ.प्र.)
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