मेरी रूह का अहसास....
छूकर मेरी रूह को
जिंदा होने का अहसास करा दिया
बेज़ान दिल में ज़ान डालकर
उसे धड़कना सीखा दिया......
ज़बा ख़ामोश थी इक़ अरसे से
आज उसको बोलना सीखा दिया
आंखों से बयां सब होता था
आज उनपे शर्मो हया का पर्दा गिरा दिया
छूकर मेरी रूह को
जिंदा होने का अहसास करा दिया.....
तुम जो आई जिंदगी में
हाले दिल का पता चल गया
सांस चलने लगी
रूह को अहसास होने लग गया
छूकर मेरी रूह को.
जिंदा होने का अहसास करा दिया......
आरिफ़ असास....
नर्सिंग ऑफिसर
दिल्ली....
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