दोहा
दुनिया की इस भीड़ में गुरु से बड़ा न कोय
गुरु के ही आदर्श को अंजू सिर पर ढोय ।।
ये ही है जीवन सुधा मिटती इनसे प्यास
अंजू मत करना कभी गुरु का तुम उपहास ।।
लाते है खुशहालियाँ गुरु के ही संदेश
महक उठे पूरी धरा सुन इनके उपदेश ।।
निर्मलता के नाम पर गुरू होते भगवान
अंजू सुबहो शाम तक करती इनका ध्यान ।।
आप सभी मित्रों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई हो
अंजु कुमारी दास गीतांजलि
पूर्णियां बिहार की क़लम से
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