(1)कविता...
आंगन, गौरैया और धूप..
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
आज बहुत दिनों बाद
गांव आना हुआ है
आंगन की धूप में
बहुत दिनों के बाद
बैठा हूं!!
जाड़े की मीठी धूप
गुदगुदाती है !!
शहरों, के अपार्टमेंट में
आंगन नहीं
बचे हैं, ना वहां गौरैया
आती है !!
आंगन में ठंढ की
मुलायम और रेशमी
पीली चादर तैर रही है!!
गौरैया और उसके
बच्चे दानों को अपने
चोंच के बीच से खींच-खींच
कर , फूर्र-से उड़ जाते हैं.
शायद, वो आपस में
कोई खेल, खेल रहे हैं!!
तुलसी -पिंडा, आंगन, धूप,
गौरैया, के आसपास ही हमारी
जडें होती हैं!!
इसलिए भी शहर वाले अपार्टमेंट
से लौट आना अच्छा लगता है!!
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
(2)कविता..
प्रेम-3
""""""""""""""""""""""""""""
प्रेम समझता है
मौन इशारे!!
प्रेम मुस्कुराता है
होठों के बीच!!
प्रेम में पीछे पड़ जाते
हैं, पदचापों की ध्वनियां !!
प्रेम समझता है
इशारों की भाषा!!
प्रेम में सुनी जा सकतीं हैं
अपने ही हृदय की धडकनें!!
प्रेम होने के बाद
आंखें भी देखने
लगतीं हैं सपने !!
प्रेम होने के बाद
कानों में सुनाई पडने
लगतीं हैं
अजीबो- गरीब सरगोशियाँ !!
प्रेम में आसूंओं का
खारापन
भी जाता रहता है !!
प्रेम आंखों से होते हुए
हृदय के ओट में कहीं
छिप जाता है!!
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
(3)कविता...
मदारी का करतब..
"""""""""""""""""“"""""""""""""""""""""""""""""""'"""""
हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं
कि डाक्टर धरती पर भगवान
का ही रुप हैं , और हम उन्हें
भगवान की तरह पूजते भी हैं!!
जिसे पूजा जाता है
उसे छला नहीं जाता!!
लेकिन, तमाशा दिखाने
वाले मदारी ने उस भगवान
को भी छला !!
अपने वागजाल
से भरमाता रहा!!
कोरे लफ्फाजी के अलावे
मदारी कुछ नहीं करता!!
कोरोना संक्रमण के
शुरुआती दौर
में उसकी घोषणाओं
से ऐसा लगा कि वो
इन कोरोना योद्धाओं
का सच्चा शुभचिंतक है!!
कोरोना योद्धा रात-दिन
चालीस - डिग्री के तापमान
में पी.पी.ई. किट पहनकर
अपने परिवार से दूर रहते
हुए मदारी के एक आहवान
पर रात - दिन एक करके
मरीजों का इलाज करते रहे!!
मदारी अपने बंद ए. सी. कमरे
से कोरोना योद्धाओं को अपने
जुमलों से बहलाता रहा !!
मदारी की चिकनी -चुपड़ी बातों में
आकर कोरोना योद्धाओं ने
अपना - तन-मन सब कुछ
लगा दिया ताकि, मरीजों को
बचाया जा सके!!
मरीजों को बचाते- बचाते, कई
कोरोना योद्धा काल - कवलित
हो गये!!
लेकिन, आज छह महीने
बाद भी कोरोना योद्धा
रोटी- दाल खरीदने और
अपनी निजी जरूरतों के
लिये भी दूसरों पर मोहताज हैं!
मदारी ने उन पढ़े
-लिखे कोरोना योद्धाओं को भी
ठगा है और उन्हें सब्ज- बाग
दिखाया है !!
मदारी रोज नये-नये करतब
दिखाता है !!
"""""""""""""""""""""""""""""""'"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
(4)कविता...
अपराध का ग्राफ..
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
चुनावी दंगल फिर
से शुरू हो गया है
और, शुरू हो गई है
नेताओं की
बयानबाजी!!
सता पक्ष अपराध के
कम होने की बात
कह रहा है!!
कि कैसे हमारे राज्य
में अपराध की घटनाएं
कम होती गईं हैं!!
और, अब शाम के बाद
निकलना पहले की तरह
मुश्किल नहीं रहा है!!
कि हर तरफ अमन-चैन है
और शांति का माहौल है!!
पहले से अपहरण
और फिरौती
की घटनाओं में बहुत
कमी आई है!!
अगर, आपको विश्वास न
हो तो
राष्ट्रीय, अपराध ब्यूरो के
आंकड़े उठाकर
देख लीजिए !!
लेकिन, वही सतासीन पार्टी
जारी करती है, राष्ट्रीय,
अपराध ब्यूरो के आंकड़े!!
और, बांट देती है एक तिहाई
आपराधिक छवि के लोगों
को टिकट!!
ये लोकतंत्र की हत्या और
लोकतंत्र में सबसे क्रूर मजाक है!!
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
महेश कुमार केशरी
No comments:
Post a Comment